मन पर काबू कैसे करे? । आनापान सति (Aanapan Sati)

Aanapan Sati: आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी समस्या के बारे में जिसका सोलूशन हर कोई चाहता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप एक स्टूडेंट हैं या आप 9 to 5 की कोई job करते हैं या फिर आपका कोई बिजनेस है।

अगर आपका मन बार बार भटकता है तो जाहिर सी बात है आप अपने लक्ष्य पर focus नहीं कर पाएंगे। और अगर फोकस ही नहीं होगा तो उस काम की quality के बारे में तो क्या ही बोलना।

Students के लिए तो यह प्रोब्लम काफी Stressful होती है क्यूंकि Exams में अच्छा score बनाने के लिए focus कितना जरूरी ही है यह तो हम सब जानते ही है।

मन पर काबू कैसे करे? – आनापान सति

मन पर काबू कैसे करे? । आनापान सति

तो आज का हमारा Topic यही है कि मन को काबू में कैसे किया जाए?

यह जानने से पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि मन बार-बार भटकता क्यों है?
इसका एक simple सा कारण distraction होता है।

Distraction को कम करने के 2 तरीके हो सकते हैं।
2nd Method जो की इस Post का main point है उसको जानने से पहले हम 1st वाले method को भी हम एक नजर देख लेते हैं ताकि दोनो मेथिड्स कि हमें अच्छे से समझ हो जाए।

Method 1

यह मैथड आपने कई बार सुना होगा। इस मैथड में हमें अपने आस पास की हर चीज को इस तरह से मैनेज करना पढ़ता है जिससे हम distraction से बच सकें।

यानी कि हम अपने आसपास के एनवायरनमेंट को इस तरह से बदल दें जिससे कि हम कम से कम डिस्ट्रिक्ट हो।

Example के तौर पर अगर आप कोई काम या स्टडी कर रहे हो तो अपना मोबाइल साइलेंट कर दे या मोबाइल बंद करके कहीं रख दे या जितनी भी डिस्ट्रेक्ट करने वाली चीज होती है आप उन सबसे दूरी बनाकर रख लें ताकि ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी।
बेशक यह तरीका कारगर हो सकता है लेकिन यह हर किसी के लिए इतना आसान भी नहीं होता।

Method 2:

दोस्तों दूसरा तरीका यह है कि हम अपने अपने अंदर का एनवायरनमेंट चेंज करलें। ताकि जो काम हम करना चाहते हैं उसमें हमारा मन अपने आप लग जाए।

बेशक यह तरीका भी इतना आसान नहीं होने वाला है लेकिन जो टेक्निक हम आज आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं अगर आपने उसको अच्छे से प्रैक्टिस कर लिया तो यह आपकी जिंदगी बदल सकता है।

जिस तरह एक जंगली घोड़ा बेकाबू होता है और उसे पकड़ने की कोशिश अगर हम करें तो वह इधर उधर भागेगा। क्या करें अभी वह बेलगाम जो है। लेकिन बस एक बार अगर आपने उसे काबू में करके सही ट्रेनिंग दे दी तो फिर वह वही करेगा जो आप चाहेंगे।

दोस्तों वैसे ही हमारा मन भी उसी घोड़े की तरह इधर उधर भागता है। हमारा मन भी बेलगाम है।

लेकिन एक बार काबू में कर लेने के बाद जिस तरह वह घोड़ा अपने मालिक के अनुसार वही जाता है जहां उसका मालिक चाहता है वैसे ही आपका मन भी आपकी सुनेगा।

यह कैसे संभव होगा इसको समझने के लिए हमे आनापान साधना को समझना होगा।

आनापान सति क्या है?

यह एक प्राचीन पाली शब्द है जो कि इन तीन शब्दों से मिल कर बना है। इसमें…

“आना” का मतलब होता है – भीतर आने वाला सांस
“अपान” का मतलब होता है – बाहर जाने वाला सांस
“सति” का मतलब होता है – आते और जाते सांस की जानकारी होना।

आगे बढ़ने से पहले में आपको यह बता दें कि इस तकनीक का इस्तेमाल सदियों से होता रहा है।
यह एक मेडिटेशन है जिसे आनापान के नाम से जाना जाता है।

आनापान साधना कैसे करते हैं?

सबसे पहले तो आपको करना यह है कि एक आसन पर आरामदायक स्थिति में बैठना है। अगर आप इस तरह आलती पालती करके बैठते हैं तो और भी अच्छा है। लेकिन ध्यान रहे आप जिस तरह भी बैठें आपकी गर्दन और कमर सीधी रहे।

Step 1: अब आपको आंखे बंद करनी है और मुंह को भी बंद रखना है।
अगर आप चश्मा पहनते हैं तो उसे भी उतार दें।

Step 2: अब आपको अपना सारा focus नाक से आते और जाते सांस पर लगाना है। आपके होटों के ऊपर और नाक के नीचे जो जगह है वहा आपको अनुभव करना है कि कब सांस आ रहा है और कब जा रहा है।

बस… आपको इतना ही करना है।
ऐसा आप रोज सुबह कम से कम 5 मिनट तक करें।

बहुत आसान लग रहा होगा है ना? लेकिन दोस्तों जब आप इसे करेगे तो देखेंगे कि थोड़ी सी देर में ही आपका focus सांस से हट कर यहां वहां भाग रहा है। आप अचानक से कुछ सोचने लग गए और अपने सांस पर ध्यान देना भूल गए।

लेकिन आपको करना यह है कि जब जब आपका मन यहां वहां के विचारों में भागे तो आपको फिर से उसे सांस पर ले आना है और उसे देखना है।

शुरुआत में आपको focus करने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन याद है ना हमारा मन एक बेलगाम घोड़े जैसे होता है जब तक काबू में न आए practice करते रहिए। कुछ दिनों में ही आप पहले से ज्यादा टाइम तक इस पर फोकस करने लग जाओगे।

अंतिम शब्द

अगर आपने इस Method की अच्छे से Practice कर ली तो समझो आपने अपने मन पर काबू पा लिया। फिर आपका मन किसी भी काम में या पढ़ाई करते वक्त भटकेगा नहीं। आपकी एकाग्रता पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी।

इतना ही नहीं दोस्तों एकाग्रता बढ़ाने और मन को काबू करने के अलावा भी आनापान साधना के कई सारे महत्त्व होते हैं। अगर आपको आनापान साधना के बारे में और डिटेल में जानना है तो आप हमे निचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं.

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