नामकरण |Naming Ceremony in Buddhist Culture

नामकरण मानव जीवन का द्वितीय मंगलकार्य है। यह मंगल-कार्य बच्चे के जन्म के 10 दिन के बाद किसी भी दिन किया जा सकता है। इस मंगल कार्य को भिक्षु या अनागारिक या धर्माचार्य द्वारा सम्पन्न करवाना चाहिए। यदि किसी समय ये उपस्थित न हों तो उपासक-उपासिका को स्वयं मिल-जुल कर इस मंगल-कार्य को समुचित ढंग … Read more

गर्भमंगल संस्कार कैसे करें

उद्देश्य:- गर्भमंगल मानव जीवन का प्रारंभिक मंगल-कार्य है। यह मंगल कार्य गर्भ स्थिर होने के 3 मास के पश्चात अपनी सुविधानुसार किया जाता है। इस मंगल कार्य को भिक्षु, अनागारिक   या धर्माचार्य द्वारा संपन्न कराया जाता है। यह मंगल-कार्य  गर्भित-माता के गर्भ-स्थित शिशु के कल्याण के लिए किया जाता है। पूजा की सामग्री:- भगवान बुद्ध … Read more