पवित्रता की शक्ति

पवित्रता की शक्ति

 

नमस्कार दोस्तों! आज मैं अपने विचार पवित्रता की शक्ति पर प्रकट करने जा रही हूं.

पवित्रता में बहुत शक्ति होती है यह आपके जीवन को दरिद्रता से उठाकर स्मृति में बदल समृद्धि में बदल सकती है. आपको एक ऐसा जीवन दे सकती हैं जिसकी आप कल्पना करते हो.

पवित्रता दो प्रकार की होती है – धन की पवित्रता व मन की पवित्रता

तन की पवित्रता – तन की पवित्रता से तात्पर्य है अपने शरीर को स्वच्छ व स्वस्थ रखना. जिसके लिए हमें स्वच्छ व शाकाहारी भोजन करना चाहिए. व्यायाम करना चाहिए.तन की पवित्रता हमें शक्ति, बल, आत्मविश्वास प्रदान करती है. मनुष्य का प्रथम लक्ष्य तन की पवित्रता हासिल करना होना चाहिए. स्वस्थ रोगमुक्त शरीर ही जीवन में कुछ बड़ा हासिल कर सकता है.

दूसरी है, मन की पवित्रता – मन की पवित्रता प्राप्त करने के लिए हमें रोजाना ध्यान साधना करनी चाहिए. शील सदाचार का जीवन जीना चाहिए. वह सभी प्रत्यन करते करने चाहिए जिससे राग-द्वेष, मोह कम हो तथा मन निर्मल हो. मंगल मैत्री करनी चाहिए. मन की पवित्रता मनुष्य का द्वित्य महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए. मन की पवित्रता मनुष्य को खुशी प्रदान करती है. दृढ़ संकल्पी, स्थिर चित्र तथा जीवन की हर समस्या का सामना करने की ताकत देती है.

यदि हम अपने जीवन के इन 2 लक्ष्यों को प्राप्त कर लें और यदि इन 2 लक्ष्यों को  दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान दें, तो आप खुद इसके आश्चर्यजनक परिणाम देखेंगे.

दोस्तों पवित्रता की शक्ति पाने के लिए आज ही समय सारणी बनाइए, योजनाएं बनाइए और अपना जीवन बदल दीजिए.

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