हिंदी अर्थ
शुभ कर्म करने वाला मनुष्य दोनों जगह प्रसन्न रहता है– यहां भी और परलोक में भी । अपने शुभ कार्म को देखकर वह मुदित होता है, प्रमुदित होता है ।
शुभ कर्म करने वाला मनुष्य दोनों जगह प्रसन्न रहता है– यहां भी और परलोक में भी । अपने शुभ कार्म को देखकर वह मुदित होता है, प्रमुदित होता है ।