इध मोदति पेच्च मोदति
कतपुञ्ञो उभयत्थ मोदति ।
सो मोदति सो पमोदति
दिस्वा कम्मविसुद्धमत्तनो ।।१६।।
हिंदी अर्थ
शुभ कर्म करने वाला मनुष्य दोनों जगह प्रसन्न रहता है– यहां भी और परलोक में भी । अपने शुभ कार्म को देखकर वह मुदित होता है, प्रमुदित होता है ।
इध मोदति पेच्च मोदति
कतपुञ्ञो उभयत्थ मोदति ।
सो मोदति सो पमोदति
दिस्वा कम्मविसुद्धमत्तनो ।।१६।।
शुभ कर्म करने वाला मनुष्य दोनों जगह प्रसन्न रहता है– यहां भी और परलोक में भी । अपने शुभ कार्म को देखकर वह मुदित होता है, प्रमुदित होता है ।