उट्ठानेन’प्पमादेन सञ्जमेन दमेन च ।
दीपं कयिराथ मेधावी यं ओघो नाभिकीरति ।।५।।
हिंदी अर्थ
बुद्धिमान् मनुष्य उद्योग, अप्रमाद, संयम और दम द्वारा ऐसा द्वीप बनावे, जिसे बाढ़ डुबा न सके।
उट्ठानेन’प्पमादेन सञ्जमेन दमेन च ।
दीपं कयिराथ मेधावी यं ओघो नाभिकीरति ।।५।।
बुद्धिमान् मनुष्य उद्योग, अप्रमाद, संयम और दम द्वारा ऐसा द्वीप बनावे, जिसे बाढ़ डुबा न सके।