धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 5

उट्ठानेन’प्पमादेन सञ्जमेन दमेन च ।
दीपं कयिराथ मेधावी यं ओघो नाभिकीरति ।।५।।

हिंदी अर्थ


बुद्धिमान् मनुष्य उद्योग, अप्रमाद, संयम और दम द्वारा ऐसा द्वीप बनावे, जिसे बाढ़ डुबा न सके।

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