धम्मपद – यमकवग्गो # 11

असारे सारमतिनो सारे चासारदस्सिनो ।

ते सारं नाधिगच्छन्ति मिच्छासङ्कप्पगोचरा ॥११॥

हिन्दी अर्थ

असार (वस्तु) को सार और सार (वस्तु) को असार समझने वाले, झूठे संकल्पों में संलग्न मनुष्य सार (वस्तु) को नहीं प्राप्त करते ।

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