धम्मपद – यमकवग्गो – 4

अक्कोच्छि मं अवधि मं अजिनि मं अहासि मे । ये तं न उपनय्हन्ति वेरं तेसूपसम्मति ॥४॥

हिन्दी अर्थ

” मुझे गाली दी ‘, ‘मुझे मारा’, ‘मुझे हराया ‘, ‘मुझे लूट लिया ‘, जो ऐसी बाते नहीं सोचते, उन्हीं का वर शान्त हो जाता है।

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