धम्मपद – यमकवग्गो # 9

अनिक्कसावो कासावं यो वस्थं परिदहेस्सति ।
अपेतो दमसच्चेन न सो कासावमरहति ।।९।

हिन्दी अर्थ

जो अपने मन को स्वच्छ किए बिना काषाय-वस्त्र को धारण करता है, सत्य और संयम से रहित वह व्यक्ति काषाय-वस्त्र का अधिकारी नहीं है।

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