धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 2 February 8, 2021 by Buddha Jyoti एवं विसेसतो अत्वा अप्पमादम्हि पण्डिता । अप्पमादे पमोदन्ति अरियानं गोचरे रता ।।२॥ हिंदी अर्थ अप्रमाद के विषय में उसे इस विशेषता को जान, आर्यों के आचरण में रत, पण्डित-जन अप्रमाद में प्रसन्न होते हैं ।