एवं विसेसतो अत्वा अप्पमादम्हि पण्डिता । अप्पमादे पमोदन्ति अरियानं गोचरे रता ।।२॥
हिंदी अर्थ
अप्रमाद के विषय में उसे इस विशेषता को जान, आर्यों के आचरण में रत, पण्डित-जन अप्रमाद में प्रसन्न होते हैं ।
एवं विसेसतो अत्वा अप्पमादम्हि पण्डिता । अप्पमादे पमोदन्ति अरियानं गोचरे रता ।।२॥
अप्रमाद के विषय में उसे इस विशेषता को जान, आर्यों के आचरण में रत, पण्डित-जन अप्रमाद में प्रसन्न होते हैं ।