अप्पमादो अमत-पदं पमादो मच्चुनो पदं । अप्पमत्ता न मीयन्ति ये पमत्ता यथा मता ।। १।।
हिंदी अर्थ
अप्रमाद अमृत-पद है, प्रमाद मृत्यु का पद । अप्रमादी मनुष्य मरते नहीं, और प्रमादी मनुष्य मृत ही के समान होते हैं ।
अप्पमादो अमत-पदं पमादो मच्चुनो पदं । अप्पमत्ता न मीयन्ति ये पमत्ता यथा मता ।। १।।
अप्रमाद अमृत-पद है, प्रमाद मृत्यु का पद । अप्रमादी मनुष्य मरते नहीं, और प्रमादी मनुष्य मृत ही के समान होते हैं ।