धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 7

मा पमादमनुयुञ्जेथ मा कामरतिसन्थवं ।

अप्पमत्तो हि झायन्तो पप्पोति विपुलं सुखं ||७||

हिंदी अर्थ

प्रमाद मत करो। काम-भोगों में मत फँसो । प्रमाद रहित हो ध्यान करने से विपुल सुख की प्राप्ति होती है।

Leave a Comment