धम्मपद – ब्राह्मणवग्गो – 423

पुब्बेनिवासं यो वेदि सग्गापायञ्च पस्सति ।
अथो जातिक्खयं पत्तो अभिञ्ञरावोसितो मुनि ।
सब्बवोसितवोसानं तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ॥४१॥

हिंदी अर्थ

जो पूर्व-जन्म को जानता है, जो स्वर्ग और नरक को देखता है, जिसका (पुनः) जन्म क्षीण हो गया, जो अभिज्ञावान् है, जिसने निर्वाण प्राप्त कर लिया हैं, उसे मैं ब्राह्मण कहता हूँ।

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