धम्मपद – यमकवग्गो # 12

सारञ्च सारतो ञत्वा असारञ्च असारतो।

ते सारं अधिगच्छन्ति सम्मासङ्कप्पगोचरा ॥१२॥

हिन्दी अर्थ

सार (वस्तु) को सार और असार (वस्तु) को असार समझने वाले, सच्चे संकल्पों में संलग्न मनुष्य सार (वस्तु) को प्राप्त करते हैं ।

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