धम्मपद – यमकवग्गो # 15 January 23, 2021 by Buddha Jyoti इध सोचति पेच्च सोचतिपापकारी उभयत्य सोचति ।सो सोचति सो विहञ्ञतिदिस्वा कम्मकिलिट्ठमत्तनो ।।१५।। हिंदी अर्थ पापी मनुष्य दोनों जगह शोक करता है–यहाँ भी और परलोक में भी । अपने दुष्ट कर्म को देखकर वह शोक करता है, पीड़ित होता है।