इध सोचति पेच्च सोचति
पापकारी उभयत्य सोचति ।सो सोचति सो विहञ्ञति
दिस्वा कम्मकिलिट्ठमत्तनो ।।१५।।
हिंदी अर्थ
पापी मनुष्य दोनों जगह शोक करता है–यहाँ भी और परलोक में भी । अपने दुष्ट कर्म को देखकर वह शोक करता है, पीड़ित होता है।
इध सोचति पेच्च सोचति
पापकारी उभयत्य सोचति ।सो सोचति सो विहञ्ञति
दिस्वा कम्मकिलिट्ठमत्तनो ।।१५।।
पापी मनुष्य दोनों जगह शोक करता है–यहाँ भी और परलोक में भी । अपने दुष्ट कर्म को देखकर वह शोक करता है, पीड़ित होता है।