धम्मपद – यमकवग्गो – 5 January 13, 2021 by Buddha Jyoti न हि वेरेन वेरानि सम्मन्तीध कुदाचनं ।अवेरेन च सम्मन्ति एस धम्मो सनन्तनो ।।५॥ हिन्दी अर्थ वैर, वैर से कभी शान्त नहीं होता; अवैर से ही वैर शान्त होता है–यही संसार का सनातन नियम है ।