मनुष्य की अवनति (बर्बादी) क्या कारण होते हैं?

मनुष्य की अवनति (बर्बादी) के कारण

भगवान तथागत सम्यक सम्बुद्ध के उपस्थापक भिक्षु आनंद कहते हैं। मेरे द्वारा ऐसा सुना गया –

एक समय भगवान श्रावस्ती नगर में अनाथपिंडक के जेतवन आराम में विहार कर रहे थे। उस समय एक देवता रात्रि बीतने पर अपनी उज्जवल कांति से सारे जेतवन को प्रकाशित कर, जहां भगवान थे वहां गया, और भगवान के समीप जाकर उन्हें अभिवादन कर एक ओर खड़ा हो गया। खड़े होकर उस देवता ने भगवान बुद्ध से गाथा में यह प्रश्न पूछा।

हम आप गौतम से अवनति की ओर जाने वाले पुरुषों के विषय में पूछने आए हैं। भगवान! बताएं अवनति के क्या कारण हैं?

इस प्रकार उस देवता की प्रार्थना पर भगवान ने भी गाथा में उत्तर दिया। उन्नतिशील व्यक्ति की पहचान सरल है। अवनतिगामी की भी पहचान सरल है।

1. धम्म (धर्म) प्रेमी की उन्नति होती है और धम्म द्वेषी की अवनति।

2. जब किसी को असंतजन प्रिय लगते हैं और संतजन अप्रिय; जब उसे असंतों के आचरण रुचिकर प्रतीत होते हैं; तो वह उसकी अवनति का कारण बनता है।

3. जो व्यक्ति निद्रालु, मंडलियों में जुटा रहने वाला, अनुद्योगी, आलसी और क्रोधी होता है, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

4. जो व्यक्ति समर्थ होते हुए भी अपने वृद्ध एवं जीर्ण माता-पिता का भरण पोषण नहीं करता, तो वह उसकी अवनति का कारण बनता है।

5. जब कोई मनुष्य किसी श्रमण-ब्राह्मण अथवा अन्य याचक को कुछ न देने की मंशा से झूठ बोलकर धोखा देता है, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

6. जब किसी व्यक्ति के पास प्रचुर मात्रा में धन-संपत्ति हो, हिरण्य-सुवर्ण हो, भोजन सामग्रियां हो, तब भी अकेला सुस्वादु पदार्थों का उपभोग करता हो, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

7. जो कोई व्यक्ति अपनी जाति, धन संपदा और गोत्र का अभिमान करता है और इस प्रकार अभिमानवश अपने बंधुओं का निरादर करता है, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

8. जो व्यक्ति स्त्रियों में, शराब और जुए में रत रहता है, सारे कमाए धन को नष्ट करता है , तो यह उसकी अवनति का कारण होता है।

9. जो व्यक्ति अपनी पत्नी से असंतुष्ट रहता हो, वेश्याओं और पराई स्त्रियों के साथ रहता हो, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

10. जब कोई वृद्ध व्यक्ति नवयुवती को ब्याह लाए और उससे अविश्वास और ईर्ष्या के कारण वह सो ना सके, तो यह उसकी अवनति का कारण होता है।

11. जब किसी लालची या संपत्ति को नष्ट करने वाले स्त्री या पुरुष को संपत्ति का मालिक बना दिया जाए, तो वह उसकी अवनति का कारण होता है।

12. क्षत्रिय कुल में उत्पन्न अल्प संपत्ति वाला और महालालची पुरुष जब राज्य की कामना करता है, तो वह उसकी अवनति का कारण बनता है।

बुद्धिमान आर्य व्यक्ति संसार में अवनति के इतने कारणों को जानकर सही दर्शन युक्त होकर सुख संपदा को प्राप्त होता है।

– पराभव सुत्त


प्रस्तुति – डी. आर. बेरवाल ‘धम्मरतन’
साभार – बुद्ध ज्योति

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