धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 3

ते झायिनो साततिका निच्चं दळ्ह-परक्कमा ।

फुसन्ति धीरा निब्बाणं योगक्खेमं अनुत्तरं ॥३॥

हिंदी अर्थ

ध्यान करनेवाले, जागरूक, नित्य दृढ़ पराक्रम में लगे रहनेवाले धीर-जन ही अनुत्तर योग-क्षेम निर्वाण को प्राप्त करते हैं ।

Leave a Comment