राजपूताना संग्रालय का भ्रमण

आज 7अप्रैल,2021को बुद्ध ज्योति विहार अजमेर के मान्य ट्रस्टी डी आर बेरवाल (धम्म रतन जी), मदन सिंह बौद्ध, डॉ लेखराज गोटवाल जी आदि ने अजमेर राजपूताना संग्रालय का भ्रमण करते हुए अजमेर के बड़ली गांव से प्राप्तअशोक कालीनप्राचीन धम्म लिपि का शिलालेख देखा। अन्य जानकारियां भी जुटाने का प्रयास करेंगे।

Pali Diwas – 2021

आज पालि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपासक गण। 4अप्रेल से बुद्ध ज्योति विहार अजमेर में पालि पाठशाला का का आरम्भ होगा । प्रति रविवार प्रात: 10 से 12 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिक से अधिक धम्म बन्धु इस कार्यक्रम से जुड़े तथा भारत के प्राचीन वैभव धम्म संस्कृति की जानकारी प्राप्त करें। सबका … Read more

Dr Rohitasv Mehra ji (चर्म रोग विशेषज्ञ) के हॉस्पिटल की नींव रखी गई

Dr rohitasv Mehra ji charm rog विशेषज्ञ जी के हॉस्पिटल की नींव बुद्ध ज्योति विहार अजमेर के पूज्य भिक्षु शील सिरोमणी के द्वारा आज रखी गई। कार्यकर्म में ललित कुमार जारेवाल सहित अन्य प्रबुद्ध लोगों उपस्थित रहे। मंगल हो!

Beawar से बुद्धा हिल्स पर पधारे धम्म श्रद्धालु

21फरवरी को Beawar से बुद्धा हिल्स पर पधारे धम्म श्रद्धालु। धम्म चर्चा की एवम् बाबा साहेब और बुद्ध के समतावादी मिशन पर चलने का संकल्प लिया ।

राजस्थान में बौद्घ समाज का निर्माण कैसे हो

#राजस्थान में बौद्घ समाज का निर्माण कैसे हो?#विषय पर चिन्तन बैठक का आयोजन रविवार दिनांक 21फरवरी,2021 को प्रात: 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूज्य भिक्षु धम्म मित्र जी द्वारा की गई। मुख्य अतिथि मा. प्रज्ञा मित्र बौद्ध जयपुर तथा विशिष्ठ अतिथि मा. करण सिंह राजोरिया थे।

धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 6

पमादमनुयुञ्जन्ति बाला दुम्मेधिनो जना ।अप्पमादञ्च मेधावी धनं सेट्ठं’ व रक्खति ।।६।। हिंदी अर्थ मूर्ख, दुर्बुद्धि प्रमाद करते हैं । बुद्धिमान् पुरुष श्रेष्ठधन की तरह अप्रमाद की रक्षा करता है।

धम्मपद – अप्पमादवग्गो # 5

उट्ठानेन’प्पमादेन सञ्जमेन दमेन च । दीपं कयिराथ मेधावी यं ओघो नाभिकीरति ।।५।। हिंदी अर्थ बुद्धिमान् मनुष्य उद्योग, अप्रमाद, संयम और दम द्वारा ऐसा द्वीप बनावे, जिसे बाढ़ डुबा न सके।

अनोखा दिया | मोटिवेशनल कहानी

एक घर मे पांच दिए जल रहे थे। एक दिन पहले एक दिए ने कहा – “इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगो को कोई कदर नही है तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं” वह दिया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया । जानते है वह दिया कौन था ? वह दिया … Read more