धम्मपद – यमकवग्गो – 2

मनोपुब्बङ्गमा धम्मा मनोसेट्ठा मनोमया । मनसा चे पसन्नेन भासति वा करोति वा । ततो’नं सुखमन्वेति छाया’ व अनपायिनी ।॥२॥ हिन्दी अर्थ सभी धर्म (चैतसिक अवस्थायें) पहले मन में उत्पन्न होते हैं, मन ही मुख्य है, वे मनोमय है। जब आदमी स्वच्छ मन से बोलता या कार्य भारता है, तब सुख उसके पीछे पीछे वैसे ही … Read more

गुरु और भेड़ | Hindi Stories

एक समय की बात है एक गांव में एक प्रसिद्ध गुरु रहता था। हर कोई उससे अपनी समस्या का समाधान मांगने आता था। वो मासूम जानवर की बली दे कर लोगों से कहता था कि अब उनकी समस्या दूर हो जाएगी। एक बार किसी खास दिन उसने एक भेड मंगवाकर अपने शिष्यों से कहा-“इस भेड़े … Read more

धम्मपद – यमकवग्गो – 1

मनोपुब्बङ्गमा धम्मा मनोसेट्ठा मनोमया । मनसा चे पदुट्ठेन भासति वा करोति वा । ततो’नं दुक्खमन्वेति चक्कं’व वहतो पदं ।। १।। हिन्दी अर्थ सभी धर्म (चैतसिक अवस्थायें) पहले मन में उत्पन्न होते हैं, मन ही मुख्य है, वे मनोमय हैं। जब आदमी मलिन मन से बोलता व कार्य करता है, तब दुःख उसके पीछे पीछे वैसे … Read more

धम्मपद – ब्राह्मणवग्गो – 423

dhammapad-423

पुब्बेनिवासं यो वेदि सग्गापायञ्च पस्सति । अथो जातिक्खयं पत्तो अभिञ्ञरावोसितो मुनि । सब्बवोसितवोसानं तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ॥४१॥ हिंदी अर्थ जो पूर्व-जन्म को जानता है, जो स्वर्ग और नरक को देखता है, जिसका (पुनः) जन्म क्षीण हो गया, जो अभिज्ञावान् है, जिसने निर्वाण प्राप्त कर लिया हैं, उसे मैं ब्राह्मण कहता हूँ।

पंचरंगी धम्म ध्वज (सम्पूर्ण जानकारी) |धम्म ध्वज में रंगों का महत्व

पंचरंगी धम्म ध्वज का इतिहास यह धम्म ध्वज बहुत विचार-विमर्श करके और दूर दृष्टि से बनाया गया है। 19वीं शताब्दी में विश्व के अनेक भिक्षुओं को ऐसा लगा कि बुद्ध धर्म का जैसा चिह्न सम्राट अशोक ने (चौबीस तिलीयों का चक्र सारनाथ के सिंह स्तम्भ पर) प्रस्थापित किया, वैसा ही झंडे के रूप में एक … Read more

डॉ. भिक्षु भदन्त आनंद कौसल्यायन को याद किया

डॉ भदंत आनंद कौसल्यायन हिंदी और पालि भाषा के महान विद्वान और डॉ आंबेडकर मिशन के एक ऐसे ध्वजवाहक थे जिन्होंने अपनी किताबों, अनुवादों और प्रचार के द्वारा बाबासाहेब के मिशन को आमजन के बीच स्थापित किया। डॉ भदंत आनंद कौसल्यायन हिंदी और पालि भाषा के मूर्धन्य विद्वान और डॉ आंबेडकर मिशन के एक ऐसे … Read more

गर्भमंगल संस्कार कैसे करें

उद्देश्य:- गर्भमंगल मानव जीवन का प्रारंभिक मंगल-कार्य है। यह मंगल कार्य गर्भ स्थिर होने के 3 मास के पश्चात अपनी सुविधानुसार किया जाता है। इस मंगल कार्य को भिक्षु, अनागारिक   या धर्माचार्य द्वारा संपन्न कराया जाता है। यह मंगल-कार्य  गर्भित-माता के गर्भ-स्थित शिशु के कल्याण के लिए किया जाता है। पूजा की सामग्री:- भगवान बुद्ध … Read more

कोटा में बुद्ध ज्योति विहार अजमेर के भिक्षु द्वारा गृह प्रवेश कार्यक्रम

कोटा में बुद्ध ज्योति विहार अजमेर के भिक्षु द्वारा गृह प्रवेश कार्यक्रम एवम् परित्राण पाठ और धम्म प्रचार की झलकियां कोटा राजस्थान दि.01/01/2021

सावित्री बाई फुले स्मृति दिवस 2021

भारत कि प्रथम महिला शिक्षिका समाज सुधारक सावित्री बाई फुले के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए अतुल्नीय योगदान को आज बुद्धा हिल्स पर याद किया गया। कार्यक्रम 03 जनवरी, 2021 बुद्ध हिल्स जागृति नगर अजमेर प्रात 10 से 12 बजे तक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा पंवार वरिष्ठ अध्यापक एवम् … Read more